कितना बदल गया है बनारस जब पहली बार मौका मिला था वहा जाना का पापा के साथ और अब हम लोग गए पापा की आख़री इच्छा पुरी करने. तब के बनारस और विश्वनाथ मंदिर में और अब में बहुत फर्क आ गया है. पहले मंदिर में जाते ही सब भूल गया था एक आजीब शांति एक आजीब सुख था तब मगर अब एसा कुछ नही था. शायाद १२ - १५ साल भी हो गए है और फिर लोगो ने अब एस जगह को भी थो कॉमर्शियल टूरिस्ट स्पॉट बना दिया है, फिर भी काशी की धरती मैं अभी भी कुछ तो है जो मंतर मग्ध कर देता है ;
Here some pictures from this trip :